Saturday, 29 August 2020

शब्द भी कितने डरे होंगे

 शब्द भी कितने डरे होंगे, सहम कर

तेरी लबो से लिपटे भी होंगे

जब तूने आखिरी सलाम भेजा होगा


मेरा सपना जब टूटा होगा

पलकों के मोती तो, 

तेरे भी गिरे ही होंगे

मेरा सपना जब तूने तोड़ा होगा

तब  ही सही मेरे नाम का सिमरन 

तो बार बार तूने किया ही होगा 


आँखों मे उफान, 

और दिल मे कोहराम  तो मचा  होगा

जब तुने मेरा आखिरी खत जलाया होगा


मोहब्बत में यूं मिलना, बिछड़ना

तो शायद लाज़मी था

मगर दुख तब हुआ जब तुमने

हाल - ए-दिल को दस्तूर - ए-जहाँ

करार दिया


फिर भी सोचता हूं शायद

शायद एक बार तू भी रुका ही होगा

थम कर कुछ पल ठहरा भी होगा


दिल और दिमाग कि जंग मे

ज़ख्मी तू भी हुआ ही होगा

और तब यादों की दस्तक भी तेरे दर पर हुई होगी

पर शायद तब तक हवा का रुख मुड़ चुका होगा 



       # end of the story 🤐


शब्दों की बेबसी

शब्द भी कितने डरे होंगे
सहम कर तेरे लबों से लिपटे भी होंगे 
जब तुमने मुझे आखिरी सलाम भेजा होगा 

change

 somethings have to change, but baby thst's not me.... cause u always says stuff that i don't believe so is it all on me.... i thoug...